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Wednesday, 8 June 2016

अश्व संचालन योग

अश्व संचालन योग मुद्रा दो शब्दों से मिलकर बना है.अश्व का अर्थ होता है घोड़ और संचालन का अर्थ है चलाना.इस मुद्रा में जिस प्रकार घोड़े को दौड़ाया जाता है उस मुद्रा में शरीर को रखकर योग का अभ्यास किया जाता है.इस योग का अभ्यास कैसे किया जाना चाहिए.यह हमारे लिए किस प्रकार लाभप्रद है आइये इसे देखें.
अश्व संचालन योग के लाभ – Bbenefits of Ashwa Sanchalana Yoga
अश्व संचालन योग से जंघाओं में स्थित तनाव दूर होता है.यह मुद्रा मेरूदंड को सीधा बनाने रखने के लिए कारगर होता है.यह छाती और हिप्स के लिए अच्छा व्यायाम होता है.इससे श्वसन क्रिया अच्छी रहती है.इस आसन के अभ्यास से जंघाओं और शरीर में लचीलापन आता है जिससे पीछे की ओर झुककर किया जिन योग मुद्राओं का अभ्यास किया जाता है उन्हें अभ्यास करते समय विशेष परेशानी नहीं होती है.इसी प्रकार बैठकर जिन आसनों का अभ्यास किया जाता है उनके लिए भी यह योग बहुत ही लाभकारी होता है.

अश्व संचालन अवस्था
 – Ashwa Sanchalana Yoga Posture and Technique
इस आसन के अभ्यास के समय कमर झुके नहीं इसके लिए मेरूदंड सीधा और लम्बवत रखना चाहिए.अभ्यास के समय श्वसन के साथ धड़ और मेरूदंड ऊपर की ओर हो इसका ख्याल रखना चाहिए और प्रश्वास के साथ कमर नीचे की ओर हो इसका ध्यान रखना चाहिए.इस मुद्रा का अभ्यास करते समय चाहें तो घुटनों के नीचे कम्बल या तौलिया रख सकते हैं इससे आपके घुटने रिलैक्स रहेंगे.

सावधानियां 

जब घुटनों में अथवा हिप्स में किसी प्रकार की परेशानी हो उस समय इस मद्रा का अभ्यास नहीं करना चाहिए.

योग क्रिया
 – Ashwa Sanchalana Yoga Step by Step
  • स्टेप 1 टेबल मुद्रा के समान हथेलियों और घुटनों पर शरीर को स्थापित करें.
  • स्टेप 2 बाएं पैर को आगे बढ़ाएं और दोनों हाथों के बीच पैर को लाएं.
  • स्टेप 3 हथेलियो से ज़मीन को दबाएं.धड़ को ऊपर उठाएं.
  • स्टेप 4 मेरूदंड को सीधा आगे की ओर खींच कर रखें.
  • स्टेप 5 सिर और गर्दन को आगे की ओर मेरूदंड की सीध में रखें.छाती को आगे की ओर झुकाकर नहीं रखें.
  • स्टेप 6 इस मुद्रा में 30 सेकेण्ड से 1 मिनट तक बने रहें.
  • स्टेप 7 दोनों तरफ 5-6 बार इसे दुहराएं.

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