सर्वांगासन के लाभ – Benefits of Sarvangasana Yoga
सर्वांगासन के अभ्यास से पाचनतंत्र दुरूस्त रहता है.भूख बढ़ती है और स्वास्थ्य अच्छी रहती है.सर्वांगासन से बौद्धिक क्षमता बढ़ती है.बालों को गिरना और जल्दी सफेद होना कम होता है.त्वचा जल्दी ढ़ीली नहीं होती है.यह आसन नेत्र और मस्तिष्क के रोगों में भी कारगर होता है.इस आसन से शरीर के सभी अंग पुष्ट होते हैं.यह थायराइड ग्रंथि और मेरूदंड पर सकारात्मक प्रभाव डालता है.थायराईड ग्रंथि के सुचारू पर्वक कार्य करने से शरीर का तापमान और उपापचय क्रिया संतुलित होता है.
सर्वांगासन के अभ्यास से पाचनतंत्र दुरूस्त रहता है.भूख बढ़ती है और स्वास्थ्य अच्छी रहती है.सर्वांगासन से बौद्धिक क्षमता बढ़ती है.बालों को गिरना और जल्दी सफेद होना कम होता है.त्वचा जल्दी ढ़ीली नहीं होती है.यह आसन नेत्र और मस्तिष्क के रोगों में भी कारगर होता है.इस आसन से शरीर के सभी अंग पुष्ट होते हैं.यह थायराइड ग्रंथि और मेरूदंड पर सकारात्मक प्रभाव डालता है.थायराईड ग्रंथि के सुचारू पर्वक कार्य करने से शरीर का तापमान और उपापचय क्रिया संतुलित होता है.
सर्वांगासन अवस्था – Sarvangasana Yoga Posture and Technique
इस आसन का अभ्यास करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सिर सीधा रहे.आसन के क्रम में सिर को घूमाना नहीं चाहिए.पैरों को एक साथ और रिलैक्स रखना चाहिए.आसन करते समय अगर पैरों में कष्ट या परेशानी महसूस हो तो वापस सामान्य स्थिति में लौटकर फिर से आसन का अभ्यास करना चाहिए.अगर इस आसन में आपको बहुत अधिक कठिनाई महसूस हो रही है तो आप इसके बदले अर्धसर्वांगासन, विपरीत करनी योग मुद्रा का अभ्यास कर सकते हैं.इन आसनों के अभ्यास से शरीर लचीला होने लगेगा जिससे कुछ दिनो के बाद आप सर्वांगसन का अभ्यास आपके लिए अधिक कठिन नहीं होगा.
इस आसन का अभ्यास करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सिर सीधा रहे.आसन के क्रम में सिर को घूमाना नहीं चाहिए.पैरों को एक साथ और रिलैक्स रखना चाहिए.आसन करते समय अगर पैरों में कष्ट या परेशानी महसूस हो तो वापस सामान्य स्थिति में लौटकर फिर से आसन का अभ्यास करना चाहिए.अगर इस आसन में आपको बहुत अधिक कठिनाई महसूस हो रही है तो आप इसके बदले अर्धसर्वांगासन, विपरीत करनी योग मुद्रा का अभ्यास कर सकते हैं.इन आसनों के अभ्यास से शरीर लचीला होने लगेगा जिससे कुछ दिनो के बाद आप सर्वांगसन का अभ्यास आपके लिए अधिक कठिन नहीं होगा.
सावधानी
रक्तचाप एवं हृदयरोग से पीड़ित लोगों को इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए.स्त्रियों को मासिक के समय इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए.गर्दन अथवा कंधों में कष्ट होने पर भी इस आसन का अभ्यास करना ठीक नहीं होता.
रक्तचाप एवं हृदयरोग से पीड़ित लोगों को इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए.स्त्रियों को मासिक के समय इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए.गर्दन अथवा कंधों में कष्ट होने पर भी इस आसन का अभ्यास करना ठीक नहीं होता.
योग क्रिया – Sarvangasana Yoga Step by Step
- स्टेप 1 पीठ के बल लेट जाएं.पैर शरीर से दूर और एक साथ होने चाहिए.
- स्टेप 2 बांहें शरीर के दोनों तरफ और हथेलियां ज़मीन की दिशा में होनी चाहिए.
- स्टेप 3 हथेलियों से जमीन को दबाएं और दोनों पैरो को छत की सीधा में सीधा उठाएं.
- स्टेप 4 हिप्स और कमर को ज़मीन से ऊपर उठाएं.
- स्टेप 5 कोहनी को मोड़ें और हाथों को कमर पर रखें.
- स्टेप 6 शरीर को सहारा देने के लिए कोहनी और बांहों से ज़मीन को दबाए रखें.
- स्टेप 7 कोहनियो को जहां तक संभव हो एक दूसरे के करीब लाने की कोशिश करें.
- स्टेप 8 हाथों से शरीर को सहारा देकर ऊपर उठाने की कोशिश करें.
- स्टेप 9 जहां तक संभव हो पीठ को सीधा रखें.
- स्टेप 10 इस मुद्रा में 30 सेकेण्ड से 3 मिनट तक बने रहें.
- स्टेप 11 धीरे धीरे सामान्य स्थिति में लौट आएं.
अर्ध सर्वांगसन Ardha Sarvangasana Yoga
सर्वांगसन की एक दूसरी मुद्रा है अर्धसर्वांगसन.जिन लोगों को सर्वांगसन का अभ्यास कठिन महसूस होता है वे इस आसन का अभ्यास कर सकते हैं.इस आसन के अभ्यास से शरीर लचीला होता है जिससे सर्वांगासन में कठिनाई नहीं आती है.इस आसन का अभ्यास किस प्रकार करना चाहिए एवं इसके क्या लाभ हैं आइये इसे देखते हैं.
अर्ध सर्वांगसन के लाभ – Benefits of Ardha Sarvangasana Yoga
इस आसन से गर्दन और कंधों का व्यायाम होता है जो रक्त संचार को सुचारू बनाने में कारगर होता है.इस आसन का अभ्यास अनिद्रा एवं निराशात्मक विचारों को दूर करने में भी सहायक होता है.अर्ध सर्वांगासन से मनसिक शांति और मेधा शक्ति का विकास होता है.
इस आसन से गर्दन और कंधों का व्यायाम होता है जो रक्त संचार को सुचारू बनाने में कारगर होता है.इस आसन का अभ्यास अनिद्रा एवं निराशात्मक विचारों को दूर करने में भी सहायक होता है.अर्ध सर्वांगासन से मनसिक शांति और मेधा शक्ति का विकास होता है.
अर्ध सर्वांगासन अवस्था – Ardha Sarvangasana Yoga Posture and Technique
अर्ध सर्वांसान का अभ्यास करते समय अगर कठिनाई महसूस हो रही हो तो शरीर को लचीला बनाने के लिए आपको उन योग मुद्राओं का अभ्यास करना चाहिए जिनसे मेरूदंद, कमर, घुटनों एवं एड़ियों में पर्याप्त लचक पैदा हो सके.विपरीत करनी आसन इस संदर्भ में उपयुक्त योग मुद्रा है.इस आसन का अभ्यास करते समय पैरों में संतुलन बनाये रखने के लिए विशेष बल का प्रयोग नहीं करना चाहिए.आसन के क्रम में आपको पूरी तरह से रिलैक्स महसूस करना चाहिए.
अर्ध सर्वांसान का अभ्यास करते समय अगर कठिनाई महसूस हो रही हो तो शरीर को लचीला बनाने के लिए आपको उन योग मुद्राओं का अभ्यास करना चाहिए जिनसे मेरूदंद, कमर, घुटनों एवं एड़ियों में पर्याप्त लचक पैदा हो सके.विपरीत करनी आसन इस संदर्भ में उपयुक्त योग मुद्रा है.इस आसन का अभ्यास करते समय पैरों में संतुलन बनाये रखने के लिए विशेष बल का प्रयोग नहीं करना चाहिए.आसन के क्रम में आपको पूरी तरह से रिलैक्स महसूस करना चाहिए.
सावधानियां
इस आसन का अभ्यास उन लोगों को नहीं करना चाहिए जो उच्च रक्त चाप से पीड़ित हैं.गर्दन में कष्ट होने पर इस योग मुद्रा का अभ्यास नहीं करना चाहिए.नेत्र रोग वालों को भी इस योग का अभ्यास नहीं करना चाहिए.अगर अभ्यास करना हो तो किसी विशेषज्ञ की देख रेख में करें.मासिकधर्म के समय महिलाओं को इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए.
योग क्रिया – Ardha Sarvangasana Yoga Step by Step
इस आसन का अभ्यास उन लोगों को नहीं करना चाहिए जो उच्च रक्त चाप से पीड़ित हैं.गर्दन में कष्ट होने पर इस योग मुद्रा का अभ्यास नहीं करना चाहिए.नेत्र रोग वालों को भी इस योग का अभ्यास नहीं करना चाहिए.अगर अभ्यास करना हो तो किसी विशेषज्ञ की देख रेख में करें.मासिकधर्म के समय महिलाओं को इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए.
योग क्रिया – Ardha Sarvangasana Yoga Step by Step
- स्टेप 1 पीठ के बल लेट जाएं.इस अवस्था में घुटने मुड़े हुए हों और तलवे जमीन पर टिके हुए हों.
- स्टेप 2 बांहें शरीर के दोनों तरफ हों, और हथेलियां ज़मीन की ओर हों.
- स्टेप 3 घुटनों को छाती से लगाएं.
- स्टेप 4 हथेलियों को ज़मीन की ओर दबाएं.
- स्टेप 5 हिप्स को ज़मीन से उठाएं.
- स्टेप 6 कोहनी को मोड़ें और हाथों को कमर पर रखें.
- स्टेप 7 शरीर को सहारा देने के लिए कोहनी और बांहों से ज़मीन को दबाए रखें.
- स्टेप 8 पैरों को शरीर से 45 डिग्री पर सीधा करके रखें.
- स्टेप 9 इस मुद्रा में 30 सेकेण्ड से 3 मिनट तक बने रहें.
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